tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post2299034370666373093..comments2024-03-20T18:53:05.516+05:30Comments on आपका ब्लॉग: १९८४ के दंगों के बारे में राहुल ईमानदारी से कहते हैं मैं उस समय बहुत छोटा था मुझे ठीक से कुछ पता नहीं है। हो सकता है कुछ कांग्रेसियों का भी इनमें हाथ रहा हो। वही राहुल १९४८ में महात्मा गांधी की हत्या के बारे में कहते हैं इसमें संघ का हाथ था। ४८ और ८४ वैसे भी एक दूसरे के विलोम हैं। पूछा जाना चाहिए राहुल से उस समय तो वह पैदा भी नहीं हुए थे क्या वह पूर्व जन्म में भी इसी मनुष्य योनि में थेडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post-54247551237276398742014-03-14T09:12:26.336+05:302014-03-14T09:12:26.336+05:30बहुत सुंदर :)बहुत सुंदर :)सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post-847168311717435572014-03-14T05:50:50.438+05:302014-03-14T05:50:50.438+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (14-03-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2014/03/1551.html" rel="nofollow">"रंगों की बरसात लिए होली आई है" (चर्चा अंक-1551) में "अद्यतन लिंक" </a> पर भी है!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com