tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post32253649667702491..comments2024-03-20T18:53:05.516+05:30Comments on आपका ब्लॉग: अन्तवन्त इमे देहा नित्यस्योक्ताः शरीरिणः । अनाशिनोऽप्रमेयस्य तस्मात् युध्यस्व भारत ॥ य एनं वेत्ति हन्तारं यश्चैनं मन्यते हतम् । उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न हन्यते ॥डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post-7209244883670515202013-09-06T04:48:56.692+05:302013-09-06T04:48:56.692+05:30इस नाशवन्त शरीर में रहने वाली यह आत्मा नित्य सत्य ...इस नाशवन्त शरीर में रहने वाली यह आत्मा नित्य सत्य है।<br />सुंदर प्रस्तुति।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.com