tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post3216451278311804176..comments2024-03-20T18:53:05.516+05:30Comments on आपका ब्लॉग: यहाँ मिलना बिछड़ना नियम है अपवाद नहीं। अनंत कोटि जन्मों में अनन्त बार हम परस्पर सब सम्बन्धों में मिले हैं जगद्गुरुकृपालुजी महाराज ने हमें सिखलाया वैकुण्ठ /कृष्ण लोक /गोलोक जाने का एक ही रास्ता है कृष्ण चेतना डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post-30069864752681192422013-11-17T18:05:55.919+05:302013-11-17T18:05:55.919+05:30सतत प्रणाम-
इस दिव्य ज्योति को-
सादर सतत प्रणाम-<br />इस दिव्य ज्योति को-<br />सादर रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com