tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post3345095138481967009..comments2024-03-20T18:53:05.516+05:30Comments on आपका ब्लॉग: हाई कमान को खुश करने के लिए मुंह से मल डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6034667824449341577.post-72849619916602933032013-10-05T08:02:05.589+05:302013-10-05T08:02:05.589+05:30गुदा-नाम मुख ते फिरे, छी मसले जयराम |
होता शौचालय ...गुदा-नाम मुख ते फिरे, छी मसले जयराम |<br />होता शौचालय मुखर, श्रद्धा केंद्र तमाम |<br /><br />श्रद्धा केंद्र तमाम, खुदा के घर में नाली |<br />फिर आसन सी सीट, उसी पर बैठ सवाली |<br /><br />प्राप्त करे सुख चैन, इसी से सत्ता पाना |<br />मन की शुचिता छोड़, देह पर नाम गुदाना ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com