शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

अजीब व्याख्या


जहाँ कहीं भी
हो नारी का सम्मान
बसें देवता
                ***
अजीब व्याख्या
करें चीरहरण
पूजते नारी
                ***
बदले युग
मानव तुम कभी
हुए ना सभ्य
                ***

3 टिप्‍पणियां:

  1. मानव = नर व नारी ...नहीं बदला ...न सभ्य हुआ ...फिर किसी की स्मृति क्या...

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  2. ― Albert Einstein = का कथन कोइ नया नहीं है.......
    ---- यह तो हिन्दू- साहित्य में जाने कितने पहले से ही कहा गया है ...
    यह संसार स्वप्न की माया है अतः मोक्ष की कामना करें...

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  3. बदले युग
    मानव तुम कभी
    हुए ना सभ्य
    बहुत ही सुंदर हाइकू की रचना हुई है साधु साधु

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