गुरुवार, 8 अगस्त 2013

"ईद मुबारक" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

वतन में अमन की जागर जगाने की जरूरत है
जहाँ में प्यार का सागर बहाने की जरूरत है
मिलन मुहताज कब है ईद-होली और क्रिसमस का
दिलों में प्रीत की गागर सजाने की जरूरत है

7 टिप्‍पणियां:

  1. ईद पर जागर जगाने की सचमुच जरूरत है । आपके साथ सभी ब्लॉगर जनों को ईद मुबारक ।

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  2. आपकी यह उत्कृष्ट रचना दिनांक 09.08.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।

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  3. ईद मुबारक



    http://premkephool.blogspot.in/2013/08/blog-post_8.html#links

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  4. http://premkephool.blogspot.in/2013/08/blog-post_8.html#links

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  5. बहुत सुन्दर है शाष्त्री जी !आ मिल गले तू भी 'सेकुलर' ,तू मिले तो मेरी भी ईद हो।

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  6. कहीं पर ईद की खुशिया कहीं पर तीज का मेला |
    नहीं मजहब की लड़ाई नहीं है कोई और झमेला |
    मुबारक हिन्दू देता ईद की भाई मुसल्मा को |
    मुसल्मा देखता हिन्दू के संग है तीज का मेला|
    यही संस्कृति है भारत की मनाते त्यौहार मिल जुल कर
    नहीं हिन्दू यहाँ तनहा नहीं मुस्लिम है अकेला

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