कहीं पर ईद की खुशिया कहीं पर तीज का मेला | नहीं मजहब की लड़ाई नहीं है कोई और झमेला | मुबारक हिन्दू देता ईद की भाई मुसल्मा को | मुसल्मा देखता हिन्दू के संग है तीज का मेला| यही संस्कृति है भारत की मनाते त्यौहार मिल जुल कर नहीं हिन्दू यहाँ तनहा नहीं मुस्लिम है अकेला
ईद पर जागर जगाने की सचमुच जरूरत है । आपके साथ सभी ब्लॉगर जनों को ईद मुबारक ।
जवाब देंहटाएंआपकी यह उत्कृष्ट रचना दिनांक 09.08.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।
जवाब देंहटाएंईद मुबारक
जवाब देंहटाएंhttp://premkephool.blogspot.in/2013/08/blog-post_8.html#links
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर है शाष्त्री जी !आ मिल गले तू भी 'सेकुलर' ,तू मिले तो मेरी भी ईद हो।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंईद मुबारक !
कहीं पर ईद की खुशिया कहीं पर तीज का मेला |
जवाब देंहटाएंनहीं मजहब की लड़ाई नहीं है कोई और झमेला |
मुबारक हिन्दू देता ईद की भाई मुसल्मा को |
मुसल्मा देखता हिन्दू के संग है तीज का मेला|
यही संस्कृति है भारत की मनाते त्यौहार मिल जुल कर
नहीं हिन्दू यहाँ तनहा नहीं मुस्लिम है अकेला