गुरुवार, 28 नवंबर 2013

उद्घोष सुनना होगा ........................अन्नपूर्णा बाजपेई


नवयुवा तुम्हें जागना होगा
उद्घोष फिर सुनना होगा
नींद न ऐसी सोना तुम
कर्म न ऐसे करना तुम
जिससे मान भंग हो
तिरंगे की शान कम हो
सूर्य सम चमकना होगा
नवयुवा ...............

देश की पुकार सुनो
माँ की गुहार सुनो
समय की ललकार सुनो
बुराई का प्रतिकार करो
कंधों को मजबूत बनाना होगा
उद्घोष फिर सुनना होगा
नवयूवा ..................







2 टिप्‍पणियां:

  1. sarvshrestha panktiyan.... देश की पुकार सुनो
    माँ की गुहार सुनो
    समय की ललकार सुनो
    बुराई का प्रतिकार करो
    कंधों को मजबूत बनाना होगा
    उद्घोष फिर सुनना होगा

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (30-11-2013) को "सहमा-सहमा हर इक चेहरा" : चर्चामंच : चर्चा अंक : 1447 में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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