शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

दीपों का त्यौहार


दीपों  का त्यौहार

मंगलमय हो आपको दीपों  का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

मुझको जो भी मिलना हो ,बह तुमको ही मिले दौलत
तमन्ना मेरे दिल की है, सदा मिलती रहे शोहरत
सदा मिलती रहे शोहरत  ,रोशन नाम तेरा हो
ग़मों का न तो साया हो, निशा में न अँधेरा हो

दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक
जलाओ प्रेम के दीपक  ,अँधेरा दूर करना है
दिलों में जो अँधेरा है ,उसे हम दूर कर देंगें
मिटा कर के अंधेरों को, दिलों में प्रेम भर देंगें

मनाएं हम तरीकें से तो रोशन ये चमन होगा
सारी दुनियां से प्यारा और न्यारा  ये बतन होगा
धरा अपनी ,गगन अपना, जो बासी  बो भी अपने हैं
हकीकत में बे बदलेंगें ,दिलों में जो भी सपने हैं


मदन मोहन सक्सेना

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुति-
    शुभकामनायें- आदरणीय--

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  2. मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार


    बहुत सुन्दर प्रस्तुति राग भरी अनुराग पगी। जोश भरी उल्लास भरी बस आस आस और आस आस चारों दिस जैसे हो उजास।

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  3. खुबसूरत अभिवयक्ति...... शुभ दीपावली

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  4. शुभ दीपावली !!आशा है कि आप सपरिवार सकुशल होंगे |
    सुन्दर रचना !!

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  5. सुन्दर प्रस्तुति………

    काश
    जला पाती एक दीप ऐसा
    जो सबका विवेक हो जाता रौशन
    और
    सार्थकता पा जाता दीपोत्सव

    दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो ……

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