बुधवार, 1 जनवरी 2014

कौन दरवेश हैं ---440 वीं पोस्ट पथिक अनजाना





                                        कौन   दरवेश हैं   ---440 वीं पोस्ट
रेस है देश है वेश है इंसा वास्तव में कौन दरवेश है
होते पेश रंगमंच पर भूमिका निभाने की भी रेस है
देश वेश न भ्रमाना पीछे से शैतानियत का प्रवेश है
धोखा खा धोखा देते धोखे में जन्मते व खो जाते है
गजब कयानात गजब बिसात गजब जीवन की रात
गजब खिलाडी गजब बिगाडी गजब पिछाडी आगाडी
न देखा खुदा न जानी मंजिल मची फिर भी हलचल
न याद कल, न जाना कल रोंदते फिर भी ये दलदल
समझो बूझो जीवन पहेली जियो हंसते जीवन के पल
पथिक अनजाना
http://pathic64.blogspot.com

1 टिप्पणी:

  1. रोंप खुशियों की कोंपलें
    सदभावना की भरें उजास
    शुभकामनाओं से कर आगाज़
    नववर्ष 2014 में भरें मिठास

    नववर्ष 2014 आपके और आपके परिवार के लिये मंगलमय हो ,सुखकारी हो , आल्हादकारी हो

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