मंगलवार, 28 जनवरी 2014

“ श्रीमान जी की तारीफ में --पथिकअनजाना -468 वीं पोस्ट”




       श्रीमान जी की तारीफ में --पथिकअनजाना -468 वीं पोस्ट
   http://pathic64.blogspot.com
गर चन्द लफ्जात श्रीमान की तारीफ में कर दें बयान आप
दुनिया में हर मौके पर इससे बेहत्तर तोहफा  क्या होगा
माना यहाँ बिना किसी प्रतिफल,आशा के कोई कुछ न देता
कुछ चाहने से पहले सोचें कितने ऐसे तोहफे आपने दिये हैं
न करें बयाँ हकीकत कही, वर्ना नजरों से सबकी गिर जावेंगें
ध्यान अगले वक्त के लिये करे कैसी कहानी आप दे जायेगे
परवाह नही कहे जमाना गर सुबह का भूला शाम घर आना
बात पते की दे रहा हू यारों मिले सकून गर तुम अजमाना
किसी महफिल में कभी याद करेगे,कह गया पथिकअनजाना
पथिक अनजाना

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (29-01-2014) को वोटों की दरकार, गरीबी वोट बैंक है: चर्चा मंच 1507 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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