मंगलवार, 7 जनवरी 2014

सामने सिर झुकावेगा ------पथिक अनजाना --- ४४६ वीं पोस्ट



सामने सिर  झुकावेगा
जिन्हें खुद पर यकीन नही वह भयभीत करते हैं
न फंसों बातों में लोगों की खुदा कुछ नही करेगा
ध्यान रखो तुम अहित नही किसी का कर रहे हो
सही राह पर हो वो भी आ सामने सिर झुकावेगा
जरूरत आत्मविश्वास, जरूरत न डगमगाने की
मजबूती से थामे रहो  गर राह कैसे कोई डरावेगा
फिक्र न करो दुनियायी हश्र की राह खुदा बतावेगा

पथिक अनजाना
       

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें