शनिवार, 8 मार्च 2014

सपने के बाहर दुनिया में---पथिकअनजाना-510वीं



 कहते है अच्छा हो रहा हैं अच्छा हुआ अच्छा होगा
गर विचार को दीप- स्तम्भ बनाये तो सदा मुस्करायेंगें
दौडे सिर्फ जरूरतों हेतू न किंग मेकर अम्बानी कहलायें
किंग मेकर का धन जाहिर नेताओ का धन कहरजहर हैं
दौलत अम्बार पर न सोना दुखियारों के साथ खडे होना
कहते जो दिखता तुम्हारा वह कल किसी और का होगा
जब न मानते अपना कुछ कैसे दुख कोई तुम्हें दे पावेगा
जब बदलेगा चोला सपने के बाहर दुनिया में यार आवेगा 
पथिक अनजाना


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