शुक्रवार, 16 मई 2014

शरूर क्या होता हैं—पथिकअनजाना—603 वीं पोस्ट








लगाया नही कभी अपने हाथों से मय का जाम
तो मैं क्या जानू यारों मय का शरूर क्या होता हैं
लेकिन यकीन हें मुझे पीकर जमाने के हालतों को
जिन्दगी में मुसीबतों का बडा वजूद क्या होता हैं
सच्ची मुस्कान चेहरे पर बडा सबूत क्या होता हैं
अनजानी नजरों से देखो दुनिया को जीने का नाम
मत पीना जाम दोंनों बुरे यही तजुर्बों की शाम हैं
पथिक अनजाना


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