शनिवार, 21 जून 2014

♥कुछ शब्‍द♥: पसरी हुई ख़ामोशी अल्फ़ाज़ ढूँढती है

♥कुछ शब्‍द♥: पसरी हुई ख़ामोशी अल्फ़ाज़ ढूँढती है: पसरी हुई ख़ामोशी  अल्फ़ाज़  ढूँढती  है  गुमनाम सी राहें मंज़िल को तलाशती है   सांसे बगैर धड़कन  सिने में धड़कती है  बेज़ान ज़िस्म जैसे...

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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    आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल jरविवार (22-06-2014) को "आओ हिंदी बोलें" (चर्चा मंच 1651) पर भी होगी!
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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