सोमवार, 13 अक्तूबर 2014

रंग-ए-जिंदगानी: कविता के लिए कविता

रंग-ए-जिंदगानी: कविता के लिए कविता: हाँ आज याद आ रहीं हैं कविता बहुत दिल दुखा रहीं हैं कविता । ये वो कविता नहीं जिसे मैंने कभी पढ़ा हो,या रचा हो यह वो कविता हैं ...

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