रविवार, 26 अक्टूबर 2014
रंग-ए-जिंदगानी: पंडित जी तो झेंप गए....
रंग-ए-जिंदगानी: पंडित जी तो झेंप गए....
: इस बार दीवाली पर हर बार की तरह लक्ष्मी पूजन का आयोजन किया गया।पंडित जी आए और पूजा शुरू की गई,एक-एक करके सभी कार्य विधि-विधान से सम्पन्न...
1 टिप्पणी:
शिवनाथ कुमार
28 अक्टूबर 2014 को 8:19 pm बजे
काश हर कोई समझ सके कि भगवान पैसों के नहीं भाव के भूखे होते हैं
सुन्दर लघु कथा !
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काश हर कोई समझ सके कि भगवान पैसों के नहीं भाव के भूखे होते हैं
जवाब देंहटाएंसुन्दर लघु कथा !