गुरुवार, 5 मार्च 2015

क्या अजब ज़माना है

क्या
अजब जमाना है
लोग
बेच डालते है
माँ का नाम
और
करते है व्यवसाय
माँ के नाम पर,

भूल जाते है
संबंधो को
लूट जाते है ज़ज्बात
और
 सजा लेते है
अपनी दूकान ,

बाँध डालते है
सीमाएं
धर्म और आस्था की,

तोड़ डालते है
विश्वास की डोर
और
कर डालते है
बेघर विश्वास को,

अर्थ का
समाज है
और
अर्थ के सम्बन्ध

छिनभिन्न कर डालते है
ममत्व और भातृत्व
सच क्या
ज़माना है ?

2 टिप्‍पणियां:

  1. अर्थ का
    समाज है
    और
    अर्थ के सम्बन्ध

    छिनभिन्न कर डालते है
    ममत्व और भातृत्व
    सच क्या
    ज़माना है ?

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