सोमवार, 29 जून 2015

एक बनेगा चमन मुहब्बत का

एक बनेगा चमन मुहब्बत का
जब सबको सब समान दिखेगा
ये दुनिया जन्नत हो जाएगी
जब ईन्सानों में भगवान दिखेगा
मस्जिद में आरती की थाली सजेगी
और मन्दिर में आजान दिखेगा
हिन्दु का लब अल्लाह पुकारेगा
मियां के लब पे ईश्वर का गुनगान दिखेगा
भेदभाव मिट कर जब खाक बनेंगें
मुफलिस में जब मेहमान दिखेगा
हर सख्श जमीं पर ही जन्नत पा जायेगा
अगर यहां आदमियत का उनवान दिखेगा
हिन्दू मुस्लिम ना सिख ईसाई हैं
पहले सब भाई हैं ये पैगाम दिखेगा

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