शनिवार, 29 अगस्त 2015

जय सोनी मोनी मूढ़मते , जो केजरवाल के संग रचे , अब तो हरिहर ही लाज रखे

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इनके मुंह से कभी भारत माँ की जय नहीं सूना। क्या 

आपने सुना है ?



जय सोनी मोनी मूढ़मते ,

जो केजरवाल के संग रचे ,


अब तो हरिहर ही लाज रखे।



कल पढ़ियेगा  ये पूरी रचना।


 अभी रचनाधीन है। 


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