शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016

हिसाब




माॅ एक -एक पैसे का हिसाब देती है
मेरे कमाई के खर्च का
और
मैं चिल्ला - चिल्ला कर हिसाब लेता हूॅ
उस माॅ से
जो नौ मास तक ढोई
रात भर गीले में सोई
मेरे हर दर्द पर चीखकर रोई
बिना किसी उफ आह के।

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