शनिवार, 15 सितंबर 2018
चिड़िया: क्षितिज
चिड़िया: क्षितिज
: जहाँ मिल रहे गगन धरा मैं वहीं तुमसे मिलूँगी, अब यही तुम जान लेना राह एकाकी चलूँगी । ना कहूँगी फ़िर कभी कि तुम बढ़ाओ हाथ अपना, ...
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