बुधवार, 6 नवंबर 2019

हरसिंगार

हे हरसिंगार
ओ शेफाली
अरी ओ प्राजक्ता !
सुना है
तू सीधे स्वर्ग से
उतर आई थी
कहते है
सत्यभामा की जलन
देवलोक से
पृथ्वी लोक पर
तुझे खींच लाई थी
तू ही बता
है ये चन्द्र का प्रेम
या सूर्य से विरक्ति
कि बरस में
फ़कत एक मास
सिर्फ रात को
देह तेरी
हरसिंगार के फूलों से
भरभराई थी !

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