शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

चन्द माहिया

चन्द माहिया

01
रंगोली आँगन की
देख रही राहें
छुप छुप कर साजन की

02
धोखा ही सही माना
अच्छा लगता है
तुम से धोखा खाना

03
औरों से रज़ामन्दी
महफ़िल में तेरी
मेरी ही ज़ुबाँबन्दी

04
माटी से बनाते हो
क्या मिलता है जब
माटी में मिलाते हो ?

05
सच,वो न नज़र आता
कोई है दिल में
जो राह दिखा जाता

-आनन्द.पाठक-

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