गुरुवार, 3 जून 2021

कहानियां - एक गीत

 कहानियां ....

सुनाएगा जमाना कुछ 

कहानियां ...

वक्त के धारों की

बहते किनारों की 

कहानियां ...

कहानियां..

कहानियां ...


जब हम मिले थे पहले 

दिल धड़का हौले हौले

शोर उठा फिर मुझमें 

ढूंढूं मैं खुद को तुझमें 

इश्क़ ने   कोई दस्तक दी थी 

ख्वाबों में शिरकत की थी 

इश्क़ में .....इश्क़ ने  की कितनी  ...

मनमानियां ...नादानियां ...

आहों में सिमटी 

आहों में लिपटी 

 कहानियां 

तेरी मेरी कहानियां


धड़कन  के ताने बाने 

मैं जानू न तू ही जाने 

उलझी मैं ऐसी उनमें

जलूं फिर बुझूं  मैं खुद में 

तुझमें मैं ऐसे खो  गई 

आधी  थी पूरी हो गई  

जिस्म ने तेरे 

तन से मेरे 

की कितनी 

शैतानियां ... मनमानियां

आग में लिपटी 

आग में झुलसी 

अपनी जवानियां 

तेरी मेरी कहानियां 

कहानियां ...

कहानियां ...

Aha haha ..

Lala ..

Lalaaa..





 Sad part ...


मेरी तेरी है  कहानियां 

कहानियां ...


तुम मुड़ गए क्यों हमदम 

कह न सके कुछ भी हम

कब से खड़े है वहां पर 

छोड़ गए थे जहां पर 

आखों से धोते है, गम 

गुजरे  न वक्त ,न ही हम 

ज़ख़्म हरे है मन में 

न  जान है तन में 

सूने से इस तन  की 

टूटे से इस मन की 

तन्हाइयां  

मीलों तक फैली 

तन्हाइयां 

आंखों की जुबां से 

तेरी आंखों को बुलाती है 

विरानियां

वीरानियां ...


कहानियां ...

तेरी मेरी कहानियां ...


4 टिप्‍पणियां:

  1. वाह! और आह! दोनो।

    प्रथम भाग में प्रेम की आत्मीय क्षणों को बहुत सुन्दर तरीके से लिखा है आपने।
    और दूसरे भाग में वियोग के क्षण के भावों से मन भावुक हो रहा है।
    वाकई बहुत सुन्दर गीत।

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