गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

 

क्या भारत एक हिन्दू राष्ट्र बन गया है?

आप को क्या लगता है, भारत क्या एक हिन्दू राष्ट्र बन गया है?” मुकंदी लाल जी ने पूछा.

“सच कहूँ तो मुझे तो ऐसा ही लगता है.”

“क्यों? क्यों ऐसा लगता है आपको?” मुकन्दी लाल जी को शायद मेरी बात अच्छी न लगी.

“भई, जब देश का प्रधान मंत्री राम मंदिर का शिलान्यास करता है, काशी जाता है......”

“पर....”

“मुझे अपनी बात पूरी तो कर लेने दें.....सुनिए, जिन्होंने राम सेवकों पर गोली चलवाई थी आज वह भी राम नाम जपने लगे हैं. जिनकी सरकार ने राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाया था वह भाई-बहन मंदिर-मंदिर जा ही रहे हैं, भगवा पहन रहे हैं, गंगा स्नान कर रहे हैं. और जिनकी नानी को मस्जिद गिरा कर राम मंदिर बनवाना पसंद न था वह भी जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं.”

“तो इतने भर से हम हिन्दू राष्ट्र ही गये?” मुकन्दी लाल जी मेरी बात से सहमत न थे.

“पर आप मुझे यह बताइये कि हम सेक्युलर कब थे?” मैंने उलट कर प्रश्न किया.

“हम तो सदा से सेक्युलर थे, संविधान में लिखा है.”

“यही तो भूल करते हैं आप सेक्युलर लोग.  संविधान में शुरू से नहीं लिखा था. यह तो 1976 में संशोधन हुआ था-उस समय जब देश में इमरजेंसी लगी हुई थी. पर हमारा सेकुलरिज्म सिर्फ किताबी ही था, 1976 से पहले भी और 1976 के बाद भी, आप माने न माने, ?”

“ऐसा कैसे कह सकते हैं आप?”

“अगर हम सेक्युलर थे, तो यूनिफार्म सिविल कोड क्यों नहीं बनाया गया? ? शाहबानो के केस में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को क्यों बदल दिय? सिर्फ मंदिरों के चढ़ावे पर क्यों टैक्स लगता है? क्यों मंदिरों पर ही सरकारें नियन्त्रण लगाती हैं? और .........”   

“आप लोग बात कहाँ की कहाँ ले जाते हैं,” मेरी बात सुन कर मुकन्दी लाल जी खफा हो गये.

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें