गुरुवार, 20 जनवरी 2022

चन्द माहिए

 चन्द माहिए : 


:1:

ये इश्क़ है जान-ए-जां,

तुम ने क्या समझा 

यह राह बड़ी आसां ?


 :2:

ख़ामोश निगाहें भी,

कहती रहती हैं

कुछ मन की व्यथायें भी।


 :3:

कुछ ग़म की सौगातें,

जब से गई हो तुम

आँखों में कटी रातें।


 :4:

जाने वो  किधर रहता?

एक वही तो है,

जो सब की खबर रखता।


5

क्या जानू किस कारन ?

सावन भी बीता

आए न मेरे साजन ।


-आनन्द पाठक-



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