मंगलवार, 8 मार्च 2022

तुझे छोड़ कर नहीं आया

 मैं तुझे छोड़ कर नहीं आया,

तेरा दिल तोड़ कर नहीं आया,

ऐसा करना तो रहा कोसों दूर

सपने में भी सोच तक नहीं पाया।

जब चाय का डिब्बा हो खाली

तब उसे फेंकना ही पड़ता है।

वैसे ही साँसें ख़त्म होने पर

नया चोला बदलना पड़ता है ।

तुम मेरे बिना उदास मत होना

तुमको सक्षम बना  के आया हूँ

और बेटों के सशक्त हाथों में

उनकी अम्मा को छोड़ आया हूँ ।

जितनें भी दिन बचें हैं पास तेरे

ख़ुशी के साथ काम करना प्रिये

हर दिन कुछ अच्छा हो तुमसे

ऐसे प्रयत्न ही करना प्रिये ।

जब तुम्हारा काम पूरा होगा यहाँ

तुम भी इसी रेल से निकल लेना

जब तुम्हारी ट्रेन वहाँ पहुँचेगी

तुमको स्टेशन पे ही मिलूँगा खड़ा ।






1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (09-03-2022) को चर्चा मंच       "नारी  का  सम्मान"   (चर्चा अंक-4364)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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