सोमवार, 29 जुलाई 2013

तुम आ जाओ तो बात बने

वीरान रात सी वीरान ज़िन्दगी

सपने भी तो वीरान से हैं
अब तो नये हालात बनें
तुम आ जाओ तो बात बने ।

तन्हा चाँद है, तन्हा दिल है
मैं भी तो तन्हा सा हूँ
अब तो कोई साथ बने
तुम आ जाओ तो बात बने।

दूर है मंजिल, दूर हो तुम भी
खुशियाँ भी तो दूर ही हैं
अब तो एक मुलाकात बने
तुम आ जाओ तो बात बने।

ठण्डी साँसें,  ठण्डी आँहें
रिश्ते भी ठंडे से हैं
अब तो गरम ज़ज्बात बने
तुम आ जाओ तो बात बने।

खुश थीं आँखें, खुश थीं बाहें
हम दोनों भी खुश से थे
फिर से वही शुरुआत बने
तुम आ जाओ तो बात बने।

2 टिप्‍पणियां:

  1. वाह....
    क्या बात है....
    खूब कही आपने....
    सोचती हूँ चोरी कर लूँ
    पर क्यों ये आखिर है ते मेरे पास ही

    सादर

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