सोमवार, 30 सितंबर 2013

क्या वर्चुअल चारा था लेकिन बिल तो असली थे पैसा तो सरकारी कोष से निकला था। क्या दिग्विजय खा गए उस चारे को ?

गौशाले में गाय खुश, बछिया दिखे प्रसन्न |


बछिया के ताऊ खफा, छोड़ बैठते अन्न |

छोड़ बैठते अन्न, सदा चारा ही खाया |



पर निर्णय आसन्न, जेल उनको पहुँचाया |

करते गधे विलाप, फायदा लेने वाले |


चारा पाती गाय, हुई रौनक गौशाले ||



गैयों में आनंद, विलापें गधे दुवारे -
वारे न्यारे कब किये, कब का चारा साफ़ |
पर कोई चारा नहीं, कोर्ट करे ना माफ़ |

कोर्ट करे ना माफ़, दिखे करनी सी भरनी |
गौशाला आबाद, ,पार करले वैतरणी |

फटता अध्यादेश, कहाँ अब जाय पुकारे |
गैयों में आनंद, विलापें गधे दुवारे  |

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                                कविवर रविकर (दिनकर -दिनेश भाई  

                       फैजाबादी )लिंक लिखाड़ी 
             

पशु चारा किसके मुंह में ?




झारखंड की अदालत ने चारा खोरी के आरोप में लालू को रांची की जेल भेज दिया है। दिग्विजय कोर्ट की  अवमानना करते हुए लालू के 

समर्थन में ये कहते हुए उतर आयें हैं -चारा लालू ने नहीं खाया है उनके खिलाफ षड्यंत्र किया गया है। दिग्विजय के इस वत्तव्य को 

लेकर जनता के मन में बड़ा आक्रोश है क्योंकि वह ९५० करोड़ रुपया जनता का था जो सरकारी कोष से चारा खरीद के लिए निकाला 

गया था। लालू ने चारा खाया नहीं जैसा दिग्विजय सिंह जी कह रहे हैं हालाकि उनका चारा खाना कोई अनहोनी नहीं है वह पशुओं के 

बीच रहते आयें हैं। भूख में आदमी कुछ तो खायेगा अन्न न  मिला तो चारा ही सही। धुला हुआ चारा था। 

अब दिग्विजय सिंह जी कह रहें हैं चारा लालू ने खाया नहीं फिर चारा गया कहाँ ?क्या वर्चुअल चारा था लेकिन बिल तो असली थे पैसा 

तो सरकारी कोष  से निकला था। 

क्या दिग्विजय खा गए उस चारे को ?उस पैसे को ,जांच होनी चाहिए इस बात की भी हो सकता है चारा इन्होनें ही खाया हो। 

भारत के लोगों में ये आम जिज्ञासा है फिर चारा किसने खाया। पशुओं के मुंह तक पहुंचा नहीं बकौल दिग्विजय लालू प्रसाद ने खाया 

नहीं फिर क्या खुद दिग्विजय उसको खा गए ये लोगों में आम चर्चा है कि दिग्विजय इसका राज बताएं। क्या वह लोकतंत्र का सम्मान 

करते हुए लोगों की भावनाओं को देखते हुए ये बताने की कृपा करेंगे कि चारा गया तो आखिर कहाँ  गया? 

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