शुक्रवार, 8 नवंबर 2013

यह पढ़ाया जा रहा है आपके बच्चों को : (१)महाभारत और रामायण कल्पित महाकाव्य हैं।(कक्षा ११ पृष्ठ १०७ मध्य कालीन इतिहास आर. एस. शर्मा। )

विकर भाई कुंडलिकार हा

कम्युनल नेहरू कहें, जब निजाम-संताप |

रिश्ते में लगने लगे, लौह-पुरुष तब बाप |

लौह-पुरुष तब बाप, आज अडवाणी बोले |


कांग्रेसी खुरपेंच, विरासत खा हिचकोले |

छद्म धर्मनिरपेक्ष , वसूले अब भी किश्तें |


लेकिन आज पटेल, संघ के लिए फ़रिश्ते ||


यह पढ़ाया जा रहा  है आपके बच्चों को :


(१)महभारत  और रामायण कल्पित महाकाव्य हैं।(कक्षा ११ पृष्ठ १०७ 

मध्य कालीन इतिहास आर. एस. शर्मा।  )

(२)वीर पृथ्वीराज चौहान मैदान छोड़कर भाग गया और गद्दार जयचंद 


गौरी के खिलाफ युद्ध मैदान में लड़ते हुए मारा गया। (कक्षा ११ ,मध्य 


कालीनभारत, प्रो। सतीश चन्द्र  

(३)राम और कृष्ण का कोई अस्तित्व ही नहीं था वे केवल काल्पनिक 

कहानियां हैं (मध्य कालीन भारत पृष्ठ २४५ ,रोमिला थापर ,साभार 

India ,Science and Politics )

तो ये है ज़नाब सेकुलर शिक्षा 


Another controversy has been sparked by Bharatiya Janata Party (BJP) over India's first home 



minister Sardar Vallabh Bhai Patel, who was was also known as the "Iron Man of India".अहा 

Senior BJP leader LK Advani on Tuesday said quoting a book that former prime minister 

Jawaharlal Nehru called Sardar Patel a "total communalist" when the latter suggested that army 

be sent to take over a defiant Hyderabad after Independence.

In his latest blog posting, Advani has referred to extracts of a book - "The Story of an Era Told 

without Ill Will" by MKK Nair which deals with the "sharp exchange" between Nehru and Patel in 

a Cabinet meeting before "police action" against Hyderabad.

The Nizam, who wanted to accede to Pakistan, had sent an emissary to the neighbouring 

country and transferred a huge sum of money to the government there. The Nizam's officials 

were reportedly heaping atrocities on locals.

"At a cabinet meeting, Patel had described these things and demanded that army be sent to 

end the terror-regime in Hyderabad. Nehru who usually spoke calmly, peacefully and with 

international etiquette, spoke losing his composure, 'You are a total communalist. I will never 

accept your recommendation... "Patel remained unperturbed but left the room with his papers," 

Advani says, quoting from Nair's book.

The BJP has of late been trying to appropriate Sardar Patel as a leader close to the Hindutva 

ideology. On Patel's 138th anniversary on October 31, Advani had heaped praise on India's 

first home minister at the inauguration of a project to build a 182 metre tall statue- the tallest in 

the world- of the leader.

Gujarat Chief Minister Narendra Modi, who is behind this endeavour, said India needs Patel's 

secularism which united people and not the "votebank secularism" that is being practiced.

Both Advani and Modi have sought to fashion themselves as inheritors of Patel's legacy. BJP 

has also alleged that Sardar Patel contribution was never hailed by the Congress and that it 

only eulogised the Nehru-Gandhi family.

Both Advani and Modi have sought to fashion themselves as inheritors of Patel's legacy. BJP 

has also alleged that Sardar Patel contribution was never hailed by the Congress and that it 

only eulogised the Nehru-Gandhi family.

Advani says then Governor General Rajaji prevailed over Nehru to send the army to 

Hyderabad. As the situation continued to worsen, Rajaji called Nehru and Patel to Rashtrapati 

Bhawan to discuss the issue.

Meanwhile, the army was kept battle-ready. During his meeting with Nehru and Patel, Rajaji 

used a letter from the British High Commissioner protesting against the rape of 70-year-old 

nuns of a convent two days earlier by Razakars of Hyderabad.

VP Menon, a bureaucrat and close aide of Patel, had given this letter to Rajaji before the 

meeting. "Rajaji in his typical style described the situation in Hyderabad. He felt that, to 

safeguard India's reputation, a decision should not be delayed any longer. Nehru was 

concerned about international repercussions. Rajaji then played his trump card - the letter from 

the British High Commissioner.

"Nehru read it. His face turned red... Anger choked his words.He shot out of his chair, slammed 

his fist on the table and cried out, 'Let's not waste a moment. We'll teach them a lesson'. Rajaji 

immediately told Menon to inform the Commander in-Chief to proceed according to the plan," 

Advani said, quoting from the book.


Nehru called Sardar Patel 'total communalist', says Advani


share to bantaa hai.....
जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु 1964 में हो गयी और उसे भारत रत्न 1955 में ही मिल गया था
इंदिरा गांधी की मृत्यु 1984 में हो गयी और उसे भारत रत्न 1971 में ही मिल गया था
राजीव ग़ांधी की मृत्यु 1991 में हो गयी और उसे भारत रत्न 1991 में ही मिल गया

डॉ. आंबेडकर की मृत्यु 1956 में हो गयी और उसे भारत रत्न 1990 में जाकर मिला,
सरदार पटेल की मृत्यु 1950 में हो गयी और उसे भारत रत्न 1991 में जाकर मिला,

नेहरु , इंद्रा और राजीव गाँधी को भारत रत्न के लायक हैं ये तय करने में और कितना समय लगा और बाबा साहब और सरदार पटेल जी को तय करने में कितना समय लगा ??

ये कांग्रेसी चाटुकार इस बात पर बड़े हर्षित हैं और अपनी पीठ थपथपा 

रहें हैं  कि  नेहरू और इंदिरा को उनकी मृत्यु से कई -कई वर्ष पहले 

भारतरत्न देने का इतिहासिक काम उन्होंने किया था इस परिवार में 

संजगांधी 

तो कहीं गिनती में आता ही नहीं अलबत्ता राजीव गांधी की उनकी ही 

नीतियों के द्वारा ह्त्या हो जाने की कल्पना तो कांग्रेसियों के  जेहन में 

आई ही 

नहीं थी यदि उन्हें थोड़ी सी भी आशंका होती तो राजीव गांधी के गद्दी 

पर बैठने के साथ ही वे उसे भारतरत्न का सम्मान दे देते। मूल में 

नेहरू वंश और कथन में नेहरू -गांधी वंश के शाहबजादे के बारे में अब 

ये सोचा जा रहा है अगर उसे गद्दी मिल जाए तो तत्काल ही उसे 

भारतरत्न भी दे दिया जाए आखिर इतना अधिकार तो नेहरू -गांधी 

परिवार का बनता ही है। फिर कहीं से गलती न हो जाए तो इसलिए 

इस परिवार के भावी राजकुमारों को मौक़ा मिलते ही भारतरत्न 

मिलना चाहिए। अगर उनका बस चले तो जन्म के साथ ही भारत रत्न 

का सम्मान नाम से पहले लगा होगा। 

ये पढ़वा रही है हिंदुस्तान की सेकुलर सरकार 

नौनिहालों को -

Photo: यदि आपको ज़रा भी अक्ल है और बच्चो के भविष्य की फ़िक्र है तो ....
प्रतिकार करे .... विरोध करे....सवाल करे .... शेयर करे ....

इस रोमिला थापर महीला का बहिष्कार करे..... 
ये लोग हमारे बच्चों को जहर दे रहे है......

यह पढ़ाया जा रहा है आपके बच्चों को.....
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वैदिक काल में विशिष्ट अतिथियों के लिए गोमांस का परोसा जाना सम्मान सूचक माना जाता था।
(कक्षा 6-प्राचीन भारत, पृष्ठ 35, लेखिका- रोमिला थापर)

महमूद गजनवी ने मूर्तियों को तोड़ा और इससे वह धार्मिक नेता बन गया।
...(कक्षा 7-मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 28)

1857 का स्वतंत्रता संग्राम एक सैनिक विद्रोह था।
(कक्षा 8-सामाजिक विज्ञान भाग-1, आधुनिक भारत, पृष्ठ 166 , लेखक-अर्जुन देव, इन्दिरा अर्जुन देव)
महावीर 12 वर्षों तक जहां-तहां भटकते रहे। 12 वर्ष की लम्बी यात्रा के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने
वस्त्र नहीं बदले। 42 वर्ष की आयु में उन्होंने वस्त्र का एकदम त्याग कर दिया।
(कक्षा 11, प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक-रामशरण शर्मा)

तीर्थंकर, जो अधिकतर मध्य गंगा के मैदान में उत्पन्न हुए और जिन्होंने बिहार में निर्वाण प्राप्त
किया, की मिथक कथा जैन सम्प्रदाय की प्राचीनता सिद्ध करने के लिए गढ़ ली गई।
(कक्षा 11-प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक-रामशरण शर्मा)

जाटों ने, गरीब हो या धनी, जागीरदार हो या किसान, हिन्दू हो या मुसलमान, सबको लूटा।
(कक्षा 12 - आधुनिक भारत, पृष्ठ 18-19, विपिन चन्द्र)

रणजीत सिंह अपने सिंहासन से उतरकर मुसलमान फकीरों के पैरों की धूल अपनी लम्बी सफेद
दाढ़ी से झाड़ता था। (कक्षा 12 -पृष्ठ 20, विपिन चन्द्र)

आर्य समाज ने हिन्दुओं, मुसलमानों, पारसियों, सिखों और ईसाइयों के बीच पनप रही राष्ट्रीय
एकता को भंग करने का प्रयास किया।
(कक्षा 12-आधुनिक भारत, पृष्ठ 183, लेखक-विपिन चन्द्र)

तिलक, अरविन्द घोष, विपिनचन्द्र पाल और लाला लाजपतराय जैसे नेता उग्रवादी तथा आतंकवादी थे
(कक्षा 12-आधुनिक भारत-विपिन चन्द्र, पृष्ठ 208)

400 वर्ष ईसा पूर्व अयोध्या का कोई अस्तित्व नहीं था। महाभारत और रामायण कल्पित महाकाव्य हैं।
(कक्षा 11, पृष्ठ 107, मध्यकालीन इतिहास, आर.एस. शर्मा)

वीर पृथ्वीराज चौहान मैदान छोड़कर भाग गया और गद्दार जयचन्द गोरी के खिलाफ युद्धभूमि में लड़ते हुए मारा गया। (कक्षा 11, मध्यकालीन भारत, प्रो. सतीश चन्द्र)

औरंगजेब जिन्दा पीर थे। (मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 316, लेखक- प्रो. सतीश चन्द्र)

राम और कृष्ण का कोई अस्तित्व ही नहीं था। वे केवल काल्पनिक कहानियां हैं।
(मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 245, रोमिला थापर) — 

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http://www.youtube.com/watch?v=BR-lLpzi7JE


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