शनिवार, 18 जनवरी 2014

धुंध


क्‍या मुसीबत है, ये स्‍कूल वाले तो सर्दियों की  छुटियाँ आगे ही बढ़ाते जा रहे हैं। अब तो इतनी सर्दी भी नहीं है पहले अच्‍छे भले पन्‍द्र्ह तारिख को स्‍कूल खुलने वाले थे और अब बीस तारिख को खुलेंगे। बस थोड़ी धुंध है। स्‍कूल टीचरस के तो मजें हैं। सारी मुसीबत तो हम मम्मियों की है। सारा रूटीन डिस्‍ट्रर्ब हो गया। ये बच्‍चे ना टाइम से सोते हैं, ना उठते हैं। मेरा तो सारा सिस्‍टम ही बिगड़ गया है। रश्मि शायद अपनी सहेली को फोन पर बोल रही थी।
रश्मि के एक्‍सप्रेशन को देख कर लग रहा था कि वह भी शायद रश्मि के विचारों से सहमत है।
ना, मैं योगा पर जा पाती हूँ। मेरी किटी भी इन आफतों के कारण मिस हो गई। पूरा दिन इन के साथ खटते रहो। रश्मि स्‍कूल वालों के प्रति नाराजगी प्रकट करती रही।
तभी न्‍यूज आई कि नोएडा के आर्मी पब्लिक स्‍कूल की बस धुंध के कारण डम्‍पर से टकरा गई । सभी बच्‍चों को चोट आई है और दो बच्‍चे गंभीर रूप से घायल हैं। जिन में से एक की टांग और एक का हाथ काटना पड़ा। मैं असमंज में था कि रश्मि को यह न्‍यूज बताऊ या वह खुद देख लेगी ।
सीमा स्‍मृति
16.01.2014


3 टिप्‍पणियां: