शुक्रवार, 4 अप्रैल 2014

जीवन के रंग

1
 अपने संग
 सहेजती मैं रंग
 तितली बन।
2
 टूटे सपने
 रूठ गए अपने
 बने पराये ।
3
खोजती पंख
छू लेती आसमान
 मेरी उड़ान ।
4
 खोये शब्‍द
ना लिखा गया पूरा
गीत अधूरा।
  5
माँ का सपना
बने घर अपना
जोड़े सामान ।
6
 मैं हूँ खोजती
खो गए सभी मोती
माला पिरोती ।
7
करो स्‍वीकार
सपने हों साकार
ये एतबार।
8        
खिले गुलाब 
न। हों संग ये काँटे
दर्द मिटा दे।
9
मेरी तन्‍हाई
कभी लेगी बिदाई
रात,ना आई।
10
ये सुख -भ्रांति
दुख देता अशांति
खोजते शांति ।

2 टिप्‍पणियां: