सोमवार, 8 दिसंबर 2014
कतरा....
कतरा वो मेरे प्यार का
आंख से
कलम पे जा गिरा
स्याही फैल गई
जब नाम मैंने तेरा लिखा
चाहतें बन प्यार की
कमबख्त तुझ में जा मिला
चूमा जो तेरा नाम
तो मुझे तुझ में मैं मिला
तब से हुआ यकीन
कि हम तुम एक जान हैं ....
........इंतज़ार
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