शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2015

शरीफ विदेशों में जाकर ऐसे बात करते हैं जैसे किसी किराना के दूकानदार से बात कर रहें हों। मोदी बड़े ऊंचे लोगों से मिलते हैं ,दुनिया के उन लोगों से मिलते हैं बराबरी के आदरपूर्ण स्तर पर जिनसे मिलकर हिन्दुस्तान की तकदीर संवर रही है। मोदी वक्त की नज़ाकत को पहचानते हैं। लेकिन शरीफ वाही घिसा पिटा राग कश्मीर ही अलाप रहे हैं।


घटना एक ,कौण अनेक : हमारा मानना है आदमी के साथ कितना भी बुरा से बुरा हो जाए बस उसका दिमाग "आज़मी "न हो

घटना एक ,कौण  अनेक :  हमारा मानना है आदमी के साथ कितना भी बुरा से बुरा हो जाए बस उसका दिमाग "आज़मी "न हो जिन्हें पड़ोसी पाकिस्तान के पत्रकारों के ये स्वर सुनाई नहीं देते :शरीफ विदेशों में जाकर ऐसे बात करते हैं जैसे किसी किराना के दूकानदार से बात कर रहें हों।

मोदी बड़े ऊंचे लोगों से मिलते हैं ,दुनिया के उन लोगों से मिलते हैं बराबरी के आदरपूर्ण स्तर पर जिनसे मिलकर हिन्दुस्तान की तकदीर संवर रही है। मोदी वक्त की नज़ाकत को पहचानते हैं। लेकिन शरीफ वाही घिसा पिटा राग कश्मीर ही अलाप रहे हैं।

पाकिस्तान पत्रकार भी वक्त की नज़ाकत को पहचानते हैं लेकिन मुलायम अली उर्फ़ नेताजी के पुत्र अखिलेशयादव  के मंत्रिमंडल में शामिल आज़मी विचार के लोग ये सब न सुनना चाहते हैं न देखना। मोदी की  इनके दिमाग में इतनी दहशत है कि कहीं किसी पेड़ से गिरकर चिड़िया का अंडा भी फुट जाए ये उसमें मोदी का हाथ देखते हैं।

एक पत्रकारा भी इधर कुछ ऐसा ही राग अलाप रहीं हैं दादरी की एक दुखद  घटना पर-उन्हें नेहरू के इशारे पर लिखवाया इतिहास इतिहास दिखलाई देता है।

एक रक्त रंगी लेफ्टीया इतिहासकारा उर्मिला थापर उनकी नज़र में आलमी इतिहासकार हैं वाह री पत्रकारा -नाम नंदिनी कृष्णन और काम -सेकुलरों का झंडा उठाना।


दंगा कराने की सेकुलर साजिश

दंगा कराने की सेकुलर साजिश :दादरीघटना  की दिशा च्युत जांच

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक नगर दादरी (मायावती ख्याति का नगर )को इन दिनों सेकुलर साजिशखोर निशाने पे लिए हुए हैं। यहां कुछ सेकुलर तत्व एक व्यक्ति को अपने जाल में फंसाकर नित्य उस से गो हत्या  करवाते थे। इसने गो के कटे फटे अंग एक  मंदिर के सामने भी डालने शुरू कर दिए। गो के अंदर भारतधर्मी समाज ३३ करोड़ देवताओं का वास मानता है। मंदिर के उस पुजारी से इन सेकुलर वीरों ने पहले तो बयान जारी करवाया कि मंदिर के आसपास का परिवेश आये दिन दूषित करवाया जा रहा है जिससे भारतधर्मी समाज परेशान है। जब जन उन्माद में वह गो हत्यारा मारा गया तब ये सेकुलर तत्व और इनका सेकुलर मीडिया उसी पुजारी को कसूरवार ठहरा रहा है।

इनसे पूछिए भारत धर्मी समाज का कोई आदमी यदि कुरआन शरीफ का नाम लेकर आसमान की ओर थूक दे (हालांकि वह थूक उसी के मुंह पे आकर पड़ेगी )तब क्या कुरआन में आस्था रखने वाला समाज भड़केगा नहीं। जांच इस बात की होनी चाहिए ये गौ हत्या करवाने वाले तत्व कौन से थे। अखिलेश की पुलिस पुजारी के पीछे क्यों पड़ी है।

जांच की दिशा तो यह होती भारतधर्मी समाज की भावनाओं को आहत करके उन्माद फैलाने वालों की खबर ली जाती। लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार के कई आजम फाज़म  इस एकल हत्या की आड़ में दंगे भड़काना चाहते हैं।

ऐसा करके ये बिहार के महाठगबंधन  को क्या संकेत भेजना चाहते हैं ?और वह हिंदुत्व की चौड़ी  लाल बिंदी लगाकर हिंदुत्व को ही अपमानित करने वाली विदूषी और योग की मुद्राओं को कुत्ते की मुद्रा कहने वाला फ़ीताराम कुतेश्री क्या कहना चाहता है। सारे ओवैसी आज़म भांडसेकुलर मीडिया के साथ जो नौटंकी कर रहें हैं उसे जनता निशाने पे ले चुकी हैं। इन रक्तरंगी लेफ्टीयों ,कांग्रेस में मौजूद सेकुलर जेहादियों का अब जब कोई नाम लेवा नहीं रह गया है ये दादरी के बहाने देश भर में जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं।
सेकुलर लालउद्दीन सरे आम जातीय और मजहबी वोट मांगने की बेशर्मी पे उतर  आया है। अखिलेश यादव अपने उत्तर प्रदेश को संभाले अपने मंत्रियों आज़म फाज़ाम को काबू में रखे ,सात समुन्दर पार जा चुकी मोदी लहर  को इस चुतियापे से कोई आंच न आएगी और बल ही मिलेगा -मेरे भाई ये देवनागरी में समझ लो।  

संदर्भ -सामिग्री :उल्लेखित लिंक्स और समाचार डाट काम के सौजन्य से प्रकाशित खबरें ,पाकिस्तान अखबार दी नेशन के मोदी -बनाम शरीफ विषयक उदगार  .

Dadri lynching: India should hang its head in shame-By Nandini krishnan(Sifi)

http://publication.samachar.com/topstorytopmast.php?sify_url=http://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/others/Dadri-lynching-an-accident-dont-give-it-a-communal-twist-Union-Minister-Mahesh-Sharma/articleshow/49183261.cms

'भाजपा यूपी में 2017 से पहले खून खराबा कराना चाहती है'

l'भाजपा यूपी में 2017 से पहले खून खराबा कराना चाहती है'


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दादरी में बीफ खाने के शक के चलते अखलाख की हत्या के बाद इस मुद्दे पर सियासत शुरु हो गयी है। सपा नेता आजम खां ने कहा कि भाजपा सरकार देश में एक बार फिर खून खराबा कराना चाहती है। आजम के विवादित बोल, मुसलमानों के घर पिल्ले जन्म नहीं लेते

मुसलमानों की आबादी को लेकर योगी आदित्यनाथ करा रहे हैं पोल आजम खां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके उपर से अभी तक गुजरात दंगों के दाग छूटे नहीं है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वह अपने कार्यकर्ताओं को यूपी में दंगा फैलान से रोके।

मुसलमानों की आबादी को लेकर योगी आदित्यनाथ करा रहे हैं पोल आजम खां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके ऊपर से अभी तक गुजरात दंगों के दाग छूटे नहीं है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वह अपने कार्यकर्ताओं को यूपी में दंगा फैलान से रोके।


दादरी में मर्डर: केंद्र ने मांगी रिपोर्ट, 


अखलाक की फैमिली को फिर हमले का डर


गाजियाबाद: यूपी के दादरी में बीफ खाने की अफवाह पर एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या के मामले में केंद्र ने यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। उधर, बिसाड़ा गांव में दहशत का माहौल है। भीड़ के हमले में जान गंवा चुके अखलाक के परिवार और उसकी कम्युनिटी के दूसरे परिवार गुरुवार को गांव छोड़कर जाने की तैयारी में थे। लेकिन डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के भरोसा दिलाए जाने के बाद उन्होंने फिलहाल गांव में ही रहने का फैसला किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है। बता दें कि इस गांव की आबादी 14 हजार है। माइनॉरिटी कम्युनिटी के 50 परिवार यहां रहते हैं। अखलाक की मां कहना है कि हम डर के साये में जी रहे हैं। हम पर कभी भी हमला हो सकता है।
दादरी के इस गांव में इसी सोमवार अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उसके बेटे को अधमरा कर दिया गया। इससे पहले, गांव में अफवाह फैल गई कि उसका परिवार घर में न केवल बीफ स्टोर करके रखता है, बल्कि खाता भी है।(पूरा मामला जानने के लिए यहां क्लिक करें)
'हो सकते हैं और हमले'
अखलाक की मां असगारी ने कहा, ''मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। मेरा पोता जिंदगी की जंग लड़ रहा है। पुलिस हमें कुछ वक्त के लिए सुरक्षा दे रही है। लेकिन हम गांव में स्थायी तौर पर नहीं रह सकते। हमें डर है कि इस तरह के और हमले हो सकते हैं। हमें अपनी रिश्तेदारों के संपर्क में हैं और गांव छोड़ने की तैयारी में हैं।'' गांव के ही इलियास ने कहा, ''यह गांव हमारा घर है। हम ज्यादा दिन डर में नहीं जी सकते। बहुत सारे परिवार पहले ही गांव छोड़कर जा चुके हैं। बुधवार सुबह हमने भी गांव छोड़ने का सोचा था। आने वाले दिन में यहां शांति कायम होने की बहुत कम गुंजाइश है।''
'किसका खून नहीं खौलेगा?' 
बीजेपी की वेस्टर्न यूपी यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट श्रीचंद शर्मा ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, ''उस शख्स (अखलाक) की मौत चोटों की वजह से नहीं, बल्कि सदमे से हुई। किसी ने उसे बता दिया कि उसके बेटे की मौत हो गई। ऐसा तो हर दिन होता है। जब किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, तो इस तरह की टकराहट होती है। यह सांप्रदायिक दंगे का मामला नहीं है। हिंदू समुदाय गाय की पूजा करता है। गोवध देखकर किसका खून नहीं खौलेगा?''
'यह ठाकुरों का गांव, करने से पहले सोचना चाहिए था'
दादरी के पूर्व बीजेपी एमएलए नवाब सिंह नागर ने कहा, ''अगर गोवध और गाय का मांस खाना साबित हो जाता है तो शर्तिया तौर पर पीड़ित परिवार की गलती है। अगर उन्होंने गोमांस खाया है तो वे भी जिम्मेदार हैं। उन्हें यह सोचना चाहिए था कि इसकी प्रतिक्रिया क्या होगी। गोवध पर बैन है और यह मामला हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। स्वाभाविक है कि ऐसी घटनाओं से लोगों का गुस्सा भड़केगा और सांप्रदायिक तनाव भी। यह ठाकुरों का गांव है और उन्होंने बेहद उग्र तरीके से अपनी भावनाएं जाहिर की हैं।''
'गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो'
बीजेपी नेता शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रशासन एक समुदाय विशेष के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है। शर्मा ने कहा, ''हमें पता चला है कि इस मामले में धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। लेकिन यह सुनियोजित मर्डर नहीं था। मारपीट में एक शख्स की मौत हुई है। पुलिस को धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का मामला दर्ज करना चाहिए था।''
'महापंचायत बुलाएंगे, लोगों को इकट्ठा करेंगे'
शर्मा ने कहा, ''सारा मामला कथित गोहत्या की वजह से हुआ। इस मामले में एक एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। गांव में गिरफ्तारियों को लेकर डर फैल गया है। जब तक जिला प्रशासन, डीएम और दूसरे अधिकारी बैठकर हमारी मांगें नहीं सुनते, हम अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ते रहेंगे। हमने 11 अक्टूबर को बिसारा में महापंचायत बुलाने का फैसला किया है। शुक्रवार से हर गांव-गांव जाएंगे और लोगों को इकट्ठा करेंगे। हम उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे।''
गांव में पहुंची बीजेपी-बीएसपी, सपा ने बनाई दूरी 
बीजेपी और बीएसपी के नेता बुधवार को गांव में पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों के अलावा आरोपियों के घरवालों से मुलाकात की। वहीं, सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के नेता नहीं पहुंचे। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। आजम ने कहा, ''क्या यह पाकिस्तान न जाने की सजा है? पीएम को अपने कार्यकर्ताओं को रोकना चाहिए।'' (आजम ने और क्या कहा, जानने के लिए यहां क्लिक करें)

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