बुधवार, 1 अप्रैल 2020

चाय - एक अफ़ीम इश्क़


चाय?

कितनी किस्में
जानती हूं मैं चाय की ?

तो सुनो - 
नहीं मुझे 
चाय का क्लासिफिकेशन  !
मुझे ये भी नहीं पता 
कि चाय का 
सइटिफिक नाम  क्या है ?
चाय की फॅमिली 
किंगडम और रैंक क्या है ?

- क्यों ???
- क्यूंकि 
चाय मेरा पहला 
और कदाचित 
आखरी इश्क़ है !


मगर हाँ  
ये कहूँगी कि  
भांति भांति की 
चाय  भांति भांति के
 लोगो के साथ 
पी  है मैंने !!


 वो लारी वाली चाय !
और 
वो बस  स्टैंड पे 
श्री भोले भंडारी के स्टाल 
 की कटिंग  वाली चाय !

बचपन में 
भूटान  की 
फिर बरसो पहले 
जापान की
नमक और मक्खन
वाली चाय!


बड़े  लोगो  संग
पांच सितारा 
होटलों में 
कंही फीकी तो 
कभी काली चाय ?

वो कमांडर साहब के घर की 
लेमनग्रास वाली चाय
और वो मंत्री साहब के 
पी ए  के घर की 
दार्जलिंग की खास
लाख रुपए की  चाय ! 

मगर
 सच कहूं
जाने क्यों  
तेरे संग संग पी जो  
उस चाय में 
अलग ही मज़ा  है 
 तेरे  होंठो से जूठी 
ठंडी चाय में भी  
तेरे इश्क़ का 
अफीमी अफीमी 
नशा है !

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (02-04-2020) को   "पूरी दुनिया में कोरोना"   (चर्चा अंक - 3659)    पर भी होगी। 
     -- 
    मित्रों!
    कुछ वर्षों से ब्लॉगों का संक्रमणकाल चल रहा है। आप अन्य सामाजिक साइटों के अतिरिक्त दिल खोलकर दूसरों के ब्लॉगों पर भी अपनी टिप्पणी दीजिए। जिससे कि ब्लॉगों को जीवित रखा जा सके। चर्चा मंच का उद्देश्य उन ब्लॉगों को भी महत्व देना है जो टिप्पणियों के लिए तरसते रहते हैं क्योंकि उनका प्रसारण कहीं भी नहीं हो रहा है। ऐसे में चर्चा मंच विगत दस वर्षों से अपने धर्म को निभा रहा है। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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