रविवार, 26 जुलाई 2020

ग़ज़ल (कोरोना का क्यों रोना है)

2*8

कोरोना का क्यों रोना है,
हाथों को रहते धोना है।

दो गज की दूरी रख कर के,
सुख की नींद हमें सोना है।

बीमारी है या दुनिया पर,
ये चीनी जादू टोना है।

यह संकट भी टल जायेगा,
धैर्य हमें न जरा खोना है।

तन मन का संयम बस रखना,
चाहे फिर हो जो होना है।

कोरोना की बंजर भू पर,
हिम्मत की फसलें बोना है।

चाल नमन गहरी ये जिससे,
पीड़ित जग का हर कोना है।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया

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