बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

चन्द माहिए---

 चन्द माहिए

1
टूटा जो खिलौना है
ये तो होना था
किस बात का रोना है ?
2
नाशाद है खिल कर भी
प्यासी है नदिया
सागर से मिल कर भी
3
कुछ दर्द दबा रखना
मोती-से आँसू
पलकों में छुपा रखना
4
इतना तो बता देते
क्या थी ख़ता मेरी ?
फिर चाहे सज़ा देते
5
बस हाथ मिलाते हो
रस्मी लगता है
रिश्ता न निभाते हो

-आनन्द.पाठक-

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