गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

चन्द माहिए

 चन्द माहिए


:1:
दुनिया को दिखाना क्या !
दिल न मिलाना तो,
फिर हाथ मिलाना क्या !

:2:
क्या तुम को ख़बर भी है ?
मेरे इस दिल में,
इक शौक़-ए-नज़र भी है ।

:3:
गुरबत में हो जब दिल,
दर्द कहूँ किस से ?
कहना भी है मुश्किल ।

:4;
अनबन हो भले जानम
तुम पे भरोसा है
रुठा न करो, हमदम !

5
कहता है कहने दो,
बातें ज़ाहिद की
ज़ाहिद तक रहने दो।


-आनन्द पाठक-

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