बुधवार, 3 मार्च 2021

चन्द माहिए

 चन्द माहिए 


:1:

 यह दिल  ख़ामोश रहा

कह न सका कुछ भी

इसका अफ़सोस रहा


  ;2:

  ये कैसी रवायत है ?

  जाने क्यों तुम को

  मुझ से ही शिकायत है ?


  :3:

 तुम ने ही बनाया है 

 ख़ाक से जब मुझ को 

फिर ऐब क्यों  आया है ?


  :4:

 सच है, इनकार नहीं

 ’तूर’ पे आए ,वो

 लेकिन दीदार नहीं 


5

मुझको अनजाने में

लोग पढ़ेंगे कल

तेरे अफ़साने में


-आनन्द.पाठक-


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