गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

कुछ अनुभूतियाँ

 कुछ अनुभूतियाँ 


1

अगर तुम्हे लगता हो ऐसा

साथ छोड़ना ही अच्छा है

जिसमे खुशी तुम्हारी, प्रियतम!

इसमे मुझको क्या कहना है


2

जा ही रहे हो लेते जाना

टूटा दिल यह, सपने सारे

क्या करना अब उन वादों का

तड़पाएँगे साँझ-सकारे ।


3

छोड़ गई तुम ख़ुशी तुम्हारी

लेकिन याद तुम्हारी बाक़ी

तुम्हें मुबारक नई ज़िंदगी

 रहने दो मुझको एकाकी


4

जहाँ रहो तुम, ख़ुश रहना तुम

खुल कर जीना हँसते गाते

अगर कभी कुछ वक़्त मिले तो

मिलते रहना आते-जाते


-आनन्द.पाठक-

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