बुधवार, 22 फ़रवरी 2023

मेरी कलम से

             शांत मन ,शांत मस्तिष्क, शांत हृदय 
शांति सुख से ही प्राप्त होती है ।सुख का मापदण्ड सबके लिए अलग-अलग है।किसी का सुख सांसारिक वस्तुओं में है तो किसी का पारलौकिक। वास्तविक सुख की परिकल्पना अत्यंत सूक्ष्म है ।सुख को आनंद का पर्याय भी कह सकते हैं,लेकिन सुख और आनंद में पर्याप्त अंतर है।जो इस अंतर  को समझ सकें वे सभी आनंदित हो और अन्य सभी सुखी रहें।🙏🙏🙏

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