रविवार, 19 फ़रवरी 2017

दोहामुक्तक "प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')


जीवन में सबको नहीं, मिल पाता है प्यार
बिन माँगे मिल जाय जो, वो होता उपहार
करना दग़ा-फरेब मत, कभी किसी के साथ
सम्बन्धों पर है खड़ी, दुनिया की दीवार


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