अच्छी गुणवत्ता के साथ हमारे विज्ञों को बाहर परदेश जाने दीजिए .. मत रोकिए, ब्रेन ड्रेन के नाम पर. मत पीटिए सर कि आई आई टी से पढ़कर बच्चे देश की सेवा करने की बजाए अमेरिका जैसे देशों में सेवा देते हैं. क्या करेंगे बच्चे, यदि देश में उचित नौकरी उपलब्ध न हो तो ?
अधिकारियों को चाहिए कि वे इन समस्याओँ पर ध्यान दे. शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कुछ करें. परीक्षा बिना लिए लिए बच्चे को पाँचवीं तक निरक्षर बनाकर रखना किसी मुर्खता पूर्ण निर्णय से कम नहीं है. शिक्षको को अपनी नौकरी के लिए इतनी सुविधाएं दें कि वे इसे नौकरी नहीं समाज सेवा समझ सकें. वरना यह बेमतलब की शिक्षा व प्रणाली देश को डुबाने में पूरा सहयोग करेगी.