चन्द माहिए
1
घिर घिर आए बदरा,
बादल बरसा भी,
भीगा न मेरा अँचरा।
2
कुछ सपने दिखला कर,
लूट लिए मुझको,
सपनों के सौदागर।
3
कुछ रंग लगा ऐसा,
बन जाऊँ मैं भी,
कुछ कुछ तेरे जैसा।
4
सब प्यार जताते हैं,
कौन हुआ किसका,
सब अपनी गाते हैं?
5
माजी की यादें हैं,
लगता है जैसे,
कल की ही बातें हैं।
-आनन्द.पाठक-