मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 13 मई 2021

थोड़ा सा मिल जाए आसमां

 थोड़ा सा मिल जाए  आसमां

थोड़ी सी मांगू मैं जमीं

पानी सी कल कल बह चलूं 

गर किनारे हो जाए हमनशी....


I wanna paint  town ,all red 

I wanna do  all  I  have said 

I wanna be, in your arms 

I  wanna feel all your calm 


थोड़ा सा मिल जाए आसमान 

थोड़ी सी मांगू मैं जमीन ...


जबसे मिले हो हमनवां 

देखो देखो दिल  ये उड़ चला 

है ख्वाहिशें भी पतंग सी 

कि हवाएं भी मलंग सी 

Come on feel करो

 उन सांसों को 

तुमसे बंधी है उन आसों को 

बांधों मुझे इन धागों से 

सांसों को मेरी , तेरी सांसों से 


Far out there, when a  robin flies 

In the green meadows and smoky skies

The breeze flutters  and passes by 

The trees shudder and leaves sigh 

Will you hold my hand and walk by 

Till the life bids us adieu good bye ??




7 टिप्‍पणियां: