एक ग़ज़ल -- बेज़ार हुए तुम क्यों---
बेज़ार हुए तुम क्यों , ऐसी भी शिकायत क्या ?
मै अक्स तुम्हारा हूँ ,इतनी भी हिक़ारत क्या !
हर बार पढ़ा मैने , हर बार सुना तुमसे ,
पारीन वही किस्से ,नौ हर्फ़-ए-हिक़ायत क्या ?
जन्नत की वही बातें ,हूरों से मुलाक़ातें ,
याँ हुस्न पे परदा है ,वाँ होगी इज़ाजत क्या ?
तक़रीर तेरी ज़ाहिद ,मुद्दत से वही बातें ,
कुछ और नया हो तो ,वरना तो समाअत क्या !
हर दिल में निहाँ हो तुम ,हर शै में फ़रोज़ां हो ,
ऎ दिल के मकीं मेरे ! यह कम है क़राबत क्या !
दिल पाक अगर तेरा ,क्यों ख़ौफ़जदा बन्दे !
सज़दे का दिखावा है ? या हक़ की इबादत , क्या ?
मसजिद से निकलते ही,फिर रिन्द हुआ ’आनन’ ,
इस दिल को यही भाया ,अब और वज़ाहत क्या !
-आनन्द.पाठक--
बेज़ार हुए तुम क्यों , ऐसी भी शिकायत क्या ?
मै अक्स तुम्हारा हूँ ,इतनी भी हिक़ारत क्या !
हर बार पढ़ा मैने , हर बार सुना तुमसे ,
पारीन वही किस्से ,नौ हर्फ़-ए-हिक़ायत क्या ?
जन्नत की वही बातें ,हूरों से मुलाक़ातें ,
याँ हुस्न पे परदा है ,वाँ होगी इज़ाजत क्या ?
तक़रीर तेरी ज़ाहिद ,मुद्दत से वही बातें ,
कुछ और नया हो तो ,वरना तो समाअत क्या !
हर दिल में निहाँ हो तुम ,हर शै में फ़रोज़ां हो ,
ऎ दिल के मकीं मेरे ! यह कम है क़राबत क्या !
दिल पाक अगर तेरा ,क्यों ख़ौफ़जदा बन्दे !
सज़दे का दिखावा है ? या हक़ की इबादत , क्या ?
मसजिद से निकलते ही,फिर रिन्द हुआ ’आनन’ ,
इस दिल को यही भाया ,अब और वज़ाहत क्या !
-आनन्द.पाठक--
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२९-०८-२०२०) को 'कैक्टस जैसी होती हैं औरतें' (चर्चा अंक-३८०८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
जी बहुत बहुत धन्यवाद आप का
हटाएंसादर
वाह
जवाब देंहटाएंआभार आप का जोशी जी
हटाएंसादर
उम्दा अशआर, बढ़िया ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंआशीर्वाद है आप का शास्त्री जी
हटाएंसादर
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंकॄपा आप की ओंकार जी
हटाएंसादर
वाह
जवाब देंहटाएंवाह ! क्या बात है !
जवाब देंहटाएंआभार आप का
हटाएंसादर
तक़रीर तेरी ज़ाहिद ,मुद्दत से वही बातें ,
जवाब देंहटाएंकुछ और नया हो तो ,वरना तो समाअत क्या !
हर दिल में निहाँ हो तुम ,हर शै में फ़रोज़ां हो ,
ऎ दिल के मकीं मेरे ! यह कम है क़राबत क्या !-- बहुत खूब लिखा पाठक जी
नवाज़िश का शुक्रिया
हटाएंसादर
वाह!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब गजल।
बहुत बहुत धन्यवाद सुधा जी
जवाब देंहटाएंसादर
आप यहाँ बकाया दिशा-निर्देश दे रहे हैं। मैंने इस क्षेत्र के बारे में एक खोज की और पहचाना कि बहुत संभावना है कि बहुमत आपके वेब पेज से सहमत होगा।
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