चन्द माहिया : क़िस्त 39 [ अहवाल-ए-कश्मीर पर]
:1:
वो ख़्वाब दिखाते हैं
जन्नत की ख़ातिर
जन्नत ही जलाते हैं
:2;
नफ़रत ,शोले ,फ़ित्ने
बस्ती जली किस की
रोटी सेंकी ,किसने ?
:3:
ये कैसी सियासत है ?
धुन्ध ,धुँआ केवल
ये किस की विरासत है?
;4:
रहबर बन कर आते
कलम छुड़ा तुम से
पत्थर हैं चलवाते
;5:
केसर की क्यारी में
ज़हर उगाने की
वो हैं तैय्यारी में
-आनन्द.पाठक-
08800927181
:1:
वो ख़्वाब दिखाते हैं
जन्नत की ख़ातिर
जन्नत ही जलाते हैं
:2;
नफ़रत ,शोले ,फ़ित्ने
बस्ती जली किस की
रोटी सेंकी ,किसने ?
:3:
ये कैसी सियासत है ?
धुन्ध ,धुँआ केवल
ये किस की विरासत है?
;4:
रहबर बन कर आते
कलम छुड़ा तुम से
पत्थर हैं चलवाते
;5:
केसर की क्यारी में
ज़हर उगाने की
वो हैं तैय्यारी में
-आनन्द.पाठक-
08800927181
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