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शनिवार, 28 अक्टूबर 2017

चिड़िया: रहिए जरा सँभलकर

चिड़िया: रहिए जरा सँभलकर: रहिए जरा सँभलकर  मंजिल है दूर कितनी,  इसकी फिकर न करिए बस हमसफर राहों के,  चुनिए जरा सँभलकर... काँटे भी ढूँढते हैं,  नजदीकियों के ...

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (29-10-2017) को
    "सुनामी मतलब सुंदर नाम वाली" (चर्चा अंक 2772)
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत-बहुत आभार आपका आदरणीय शास्त्रीजी। सादर प्रणाम स्वीकारें ।

    जवाब देंहटाएं