मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

एक दिन

अपनी दुनिया में से निकाल कर
एक दिन ऐसा दे दे मुझे...

जिसमें उगता सूरज,
चलता सूरज
और ढलता सूरज
साथ—साथ देखें..

उस रंगीन दिन में
ब्लैक एंड व्हाइट दौर के
गानों की मिठास घुली हो
उस दिन की शुरूआत
सर्दी की सर्द हवाओं सी हो
जिसमें खुशी कोहरा समाया हो

दोपहर पीपल की
छांव में सिमटी हो और
शाम में शहरी गुलाबी रंग
की मिलावट हो
शाम वो कुछ ऐसी हो
जो सिर्फ तेरी और मेरी हो

बस वो एक खास दिन
अपनी ज़िंदगी ​का दे दे मुझे...

10 टिप्‍पणियां:

  1. वो सुबह भी आएगी कभी न कभी ,आस पर ही जीवन टिका है। आशा से भरपूर रचना।

    जवाब देंहटाएं