मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

बुधवार, 10 दिसंबर 2014

क्यूँ.....


इतने सवाल क्यूँ हैं
सोच सोचती क्यूँ है
जीवन क्यूँ है
क्यूँ
क्यूँ
क्यूँ
क्यूँ
क्यूँ
क्यूँ
क्यूँ
क्यूँ  क्यूँ.......
         
अब आप कहेंगे ये तो कविता न हुई
परिभाषा में सिमट के रहूँ ...क्यूँ....
दुनियाँ में कुछ लोग राम और कुछ लोग रहीम
और कुछ ईसामसीह का जाप करते हैं
मगर ये 'क्यूँ' शब्द हर मनुष्य जन्म से मृत्यु तक
दोहराता रहता है मुख से या दिल में
यही जिज्ञासा है यहीं से ज्ञान की उत्पत्ति होती है
इसी से बुद्धिमत्ता का प्रारंभ है
इसी से विज्ञान है
तो ये काव्य क्यों नहीं ?
                                                        ......इंतज़ार      

आप के विचारों की प्रतिशा रहेगी ! टिप्पणी दें ....क्यूँ ?.....
  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें